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________________ शतपदी भाषांतर. ( १४१ ) (४०) एक रजोहरणनी दशीओ झीणी अने लांबी करे छे; बीजा तेम नथी करता. ( ४१ ) एक रजोहरणमां एकज बंध दे छे; बीजा वे दे छे. (४२) एक माथामां कपूर नाखवं माने छे; बीजा नथी मानता. (४३) एक महानिशीथ प्रमाण राखे छे; बीजा नथी राखता. (४४) एक नेपाळना कंबल ले छे; बीजा नथी लेता. (४५) एक आचार्य जिनबिंबनी पूजा करे छे; बीजा नथी करता. (४६) एक अक्षसमवसरणमां पूजा करे छे; बीजा नथी करता. (४७) एक गुरुक्रमागत मंत्रपटनी पूजा करे छे; बीजा नथी करता. (४८) एक श्रावकना छोकराने नाम पाडतां के विवाह थांबा - सक्षेप करे छे; बीजा नथी करता. (४९) एक गादीपर बेशे छे; बीजा नथी बेशता. (५०) एक एम माने छे जे (नंदिमां) वेदिकाना मांहे जे द्रव्य राखेल होय ते बधुं गुरुनुं थाय; बीजा तेम नथी मानता. (५१) एक श्रावकने एकलुं वासखेप नाखे छे; बीजा चोखा सहित वासखेप नाखे छे. (५२) एक दिवसेज बळि करे छे; बीजा रात्रे पण करे छे. (५३) एक संघ साथे चाली तीर्थयात्रा करे छे; बीजा स्वतंत्र विहार करीने करे छे. (५४) एकना- गच्छे आर्याओ श्रावकना हाथे वस्त्र ले छे; बीजाना गच्छे नथी लेती. (५५) एक हरिभद्रसूरिए रचेल लग्नशुद्धिना हिशाबे राते पण दीक्षा के प्रतिष्ठा करे छे; बीजा दिवसेज करे छे. (५६) एकना गच्छे साधु के साध्वी एकला पण विचरी शके छे; एकना गच्छे एकला नज विचरी शके.
SR No.022231
Book TitleShatpadi Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendrasinhsuri
PublisherRavji Devraj Shravak
Publication Year1895
Total Pages248
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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