________________
श्रीश्राद्धविधि हिन्दी भाषान्तर
अनुक्रमणिका.
विषयांक. विषयका नाम
१ टीकाकारकृत मंगलाचरण । २१ मंगलादि मूलगाथ'। ३ इस ग्रंथमें आये हुए छः द्वारों के नाम,
मूल गाथा २। ४ श्रावकधर्मको ग्रहण करने योग्य पुरुषके लक्षण,
मूलगाथा ३ । ५ दृष्टिरागी धर्म नहीं पा सकता, इसपर भुवनभानु
केवलीका दृष्टान्त, . ६ धर्मद्वेषी धर्म नहीं पा सकता, इस पर वराह
मिहिरका दृष्टान्त ७ मूर्खपुरुष गुरुके वचनका भावार्थ नहीं जान
सकता, उसपर देहाती कृषकपुत्रकी कथा ८ श्रावकके इकवीस गुण ९ भद्रकपने पर शुकराजकी कथ