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बामनगरवास्तव्यश्रेष्ठिधारधीभाइसुपुत्रलक्ष्मीचन्द्रतनुजश्रेष्ठिचुनीलालेन खकृतोद्यापने स्वमातुः संतोषामिधानाया भक्तये प्राभृतीकृतम्।
॥श्री जैनामृतसमितिग्रंथमाला, ग्रंथांक: ३ । । धुरन्धर श्रीरत्नशेखरसूरि विरचितश्राद्धविधि मूल
. और विधिकौमुदीनामकटीकाका भाषान्तर
प्रकाशक-जैनामृतसमिति-उदयपुर.
द्रव्य सहायकअहमदाबाद निवासी पोरवाड वंशीय, सेठ जमनाभाई भगुभाईकी धर्मपत्नी,
सेठानी माणेकबाई, सेठानी समरथवाई के नाम के स्थापित किये हुए।
ज्ञान-भंडार के द्रव्य से.
जैनबन्धु प्रिंटिंग प्रेस, पीपली बाजार इन्दौर में छपा. में प्रथमावृत्ति । कीमत विक्रम सं.१९८७१
५०० २-१२-० ।इ. सन १९३०
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