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________________ मुनिराज श्री जयानंदविजयजी आदि ठाणा एवं शासनदीपिका प्रवर्तिनी विदुषी सा. श्री मुक्तिश्रीजी आदि ठाणा की परम पावन निश्रा में श्री विमलनाथादि जिनबिम्बों की अंजनशलाका ___ एवं प्रतिष्ठोत्सव का संक्षिप्त विवरण - दिव्याशीष कालिकाल सर्वज्ञ शिथिलाचारोन्मूलक विश्वपूज्य राजेन्द्रकोषादि अनेक ग्रंथ निर्माता मोहनखेड़ादितीर्थ प्रेरक प्रभु श्रीमद्विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी महाराज के पट्टधर चर्चाचक्रवर्ती श्रीमद्विजय धनचन्द्रसूरीश्वरजी म. के पट्टाभूषण व्याकरणशास्त्री श्रीमद्विजय तीर्थन्द्रसूरीश्वरजी म. के पट्टविभूषक शांतमूर्ति श्रीमद्विय लब्धिचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की कृपादृष्टि हमारे बाकरा संघ पर सतत रही है। चरणों में कोटी कोटी वंदना परम पावन निश्रा शिथिलाचारोन्मूलक कालिकाल सर्वज्ञ जगत्पूज्य परम योगीन्द्राचार्य प्रभु श्रीमद्विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी म. के पट्टाभूषण चर्चाचक्रवर्ती श्रीमद्विजय धनचन्द्रसूरीश्वरजी म. के पट्टधर विद्याविशारद श्रीमद्विजय भूपेन्द्रसूरीश्वरजी म. के पट्टादित्य व्याख्यानावाचस्पति श्रीमद्विय यतीन्द्रसूरीश्वरजी म. के पट्टविभूषक कविरत्न श्रीमद्विजय विधाचन्द्रसूरीश्वरजी म. के शिष्य एवं मुनिराज श्री रामचन्द्रविजयजी के कृपापात्र __ मुनिराज श्री जयानन्दविजयजी, मु.श्री दिव्यानंदविजयजी, मु. श्री तत्त्वानंदविजयजी आदि ठाणा। - 21
SR No.022169
Book TitleSamyaktva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay, Premlata N Surana
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages382
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size13 MB
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