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• अहम् नमः .
पुष्प ६
पूर्वधरमहर्षि पू० श्री जिनभद्रगणिक्षमाश्रमण महाराज रचित
ध्यानशतक
१४४४ ग्रन्थ रचयिता पू० आचार्य श्री हरिभद्रसूरिकृत
संस्कृत व्याख्या के आधार पर
मूल · भावार्थ तथा विवेचन
-: विवेचक :कर्मसाहित्य सूत्रधार सिद्धान्तमहोदधि स्व० पू० आचार्यदेव श्री विजयप्रेमसूरीश्वरजी महाराज के पट्टालंकार प्रभावक प्रवचनकार पू० आचार्यदेव श्री विजय भुवनभानुसूरीश्वरजी महाराज
प्रकाशक : दिव्यदर्शन कार्यालय कालुशीनी पोल-कालुपुर . .अहमदाबाद-१