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( ७ )
१७३
१७.
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अशुद्ध दो साइप तग्वेगं ववेग्गमग्ग निक्खोमं तिग्यण पथार्थ अरूपो ६ (को०३) सम्यक्तव लोकाकासा विष
. शुद्ध वोमाइ-प तरवेगं वेरग्गमग्गप निक्खोभ तिरयण पदार्थ अरुपी
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सम्यकत्व लोकाकाश
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वेश
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१७८ १७६
रहते प्रो....दारिक
पैर रहती, औदारिक युक्ति
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युक्ति में
तहर बनो
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एक त्रि
नष्ट सा
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व्रतो एकत्रित नंबर सो ०॥ ऐरवत प्रादि ७ दोनों ३१८ ७ करोड असुर
और वन प्रादि । दानों ४१८ वे ७ थरोड प्रासुर
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