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पञ्चसप्ततिशतस्थानचतुष्पदी. [गुजराती भाषामां
चौदपूर्वी वैक्रियलब्धि वादीमनि | सामान्य अने अनुत्तरो१२२ । १२३ ।
पपातिक वगेरानी संख्या __ १२४
- १२५-१२८ ४७५० | २०६०० | १२६५० | जिनश्वंरोना मुनिव२७२० २०४०० १२४०० | रोनी जुदी जुदी संख्या २१५० १९८००
१२००० कोठामां बतावेल छे. ते१५०० १९००० ११००० माथी १ गणधर, २ केवली, २४०० १८४०० १०४५० ३ मनःपर्यवज्ञानी, ४ अव२३०० १६१०८ ९६०० | धिज्ञानी, ५ चौदपूर्वी, ६ २०३० १५३०० ८४०० / वैक्रियलब्धिधर अने ७ २००० १४००० ७६०० | वादीमुनि,आसातनी संख्या १५०० १३०००
६०००/ काढी नाखवाथी जेटली १४०० १२००० ५८०० जेटली संख्या बाकी रहे १३०० ११०००
५०००
| तेटला तेटला दरेक जिनव१२०० १००००
४७०० रना सामान्य मुनि जाणवा. ९००० ३६०० | ऋषभदेवने २२ हजार १००० ८००० ३२०० / ९००, नेमिनाथने १६००, ९००
२८०० पार्श्वनाथने १२००, अने ८०० ६००० २४०० वीरप्रभुने ८००, अनुत्तरो
५१०० २००० पपातिक मुनि समजवा. ६१० ७३००
शेष जिनवरोना अनुत्तरो२९०० | पपातिक मुनि अप्रसिद्ध छे. ५०० २००० १२०० / जे जिनेश्वरने जेटला मुनि ४५० ५००० १००० होय तेटलाज प्रकीर्णक ४०० १५०० ८०० | अने प्रत्येकबुद्ध मुनि
११०० ६०० | जाणवा. गुणमां तो सर्वे ७०० ४०० | सरखाज होय छे.
७०००
६७०
१६०० १४००
६६८
३५०
३००