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प्रकाशकीय
पं. नाथूराम रिसर्च सिरीज़ के तहत अब तक हम आचार्य समन्तभद्र कृत रत्नकरण्ड श्रावकाचार, आचार्य पूज्यपाद कृत समाधितन्त्र एवं इष्टोपदेश, आचार्य कुन्दकुन्द कृत अट्ठपाहुड, आचार्य जोइन्दु कृत परमात्मप्रकाश एवं योगसार, आचार्य प्रभाचन्द्र कृत तत्त्वार्थसूत्र और आचार्य नेमिचन्द्र कृत द्रव्यसंग्रह को हिन्दी अनुवाद के साथ प्रकाशित कर चुके हैं।
हिन्दी ग्रन्थ कार्यालय के लिए उक्त ग्रन्थों का हिन्दी अनुवाद हमारे विशेष अनुरोध पर ख्यात साहित्यकार डॉ. जयकुमार जलज ने किया है, मध्यप्रदेश शासन द्वारा महावीर के २६००वें जन्मोत्सव पर सन २००२ में प्रकाशित जिनकी पुस्तक भगवान महावीर का बुनियादी चिन्तन अपने प्रकाशन के छह साल के भीतर ही इक्कीस संस्करणों और अनेक भाषाओं में अपने अनुवादों तथा उनके भी संस्करणों के साथ पाठकों का कण्ठहार बनी हुई है। आचार्य कुन्दकुन्द कृत बारस अणुवेक्खा कास्वनामधन्यपं. नाथूराम प्रेमी कृत हिन्दी अनुवाद पहले से ही हमारे द्वारा प्रकाशित है।
उक्त अनुवादों को पाठकों ने जिस प्रकार हाथों हाथ लिया और हमें जल्दी जल्दी उनके संस्करण करने पड़े उससे उत्साहित होकर हमने इस सिलसिले को जारी रखने का निश्चय किया है। ध्यानशतक का डॉ. जलज कृत प्रस्तुत अनुवाद उसी निश्चय का परिणाम है ।
मूल प्राकृत गाथा को पर्याप्त मोटे फॉण्ट में और उसके अनुवाद को उससे कम पाइण्ट के फ़ॉण्ट में मुद्रित किया गया है। इससे ग्रन्थ को पढ़ना सुगम बना रहेगा । सिरीज़ की अन्य कृतियों की तरह ही इसके काग़ज़, मुद्रण, मुखपृष्ठ, प्रस्तुति आदि को भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर का बनाए रखने की चेष्टा की गई है। यह भी ध्यान रखा गया है कि मूल प्राकृत गाथा के ठीक नीचे उसी पृष्ठ पर उसका अनुवाद मुद्रित हो ताकि पाठक को अनुवाद पढ़ने के लिए पृष्ठ न पलटना पड़े।
यशोधर मोदी