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________________ जोइये १७१५ नहीं, तेम १७१७ पण नहीं, किंतु गमे ते रीते लखतां १७१६ पुरा थवा जोइये, शरुआतमां पद विकल्पनो जे क्रम लीधो होय ते क्रमेज पुरा करवा जोइये ।। प्रकरण ५मुं:-नष्टविधि. अथ पदनो नष्ट विधि. पद विकल्प के भांगाना प्रस्तारमा अमुक नंबरनो प्रस्तार केवा प्रकारनो थाय ते जाणवु होय तो पहेलेथी प्रस्तार लख्या विना पण नष्ट विधिथी जाणी शकाय छे. तेमां प्रथम पदना नष्टनी रीति आ प्रमाणे छे. जे संयोगीना पदनो प्रस्तार जाणवो होय ते संयोगीनुं पहेलं पद लखवू. पछी जेटला संयोगीनुं पद काढq छे तेटला आडा कोठावालो यत्र करवो अने उभा खाना त्रण करवा । पछी जेटला ठामनां पद होय ते अंकमांथी उपर लखेल पहेला पदनो छेल्लो अंक बाद करवो, जे आवे ते मध्य पंक्तिना पहेला खानामां मुकवो, पछी उपरनी पंक्तिनो पहेलो कोठो मुकी वीजा कोठामा मध्य पंक्तिना पहेला कोठाना अंकमां एक भेलबी लखवो । पछी तेमां एक भेलवी त्रीजा कोठामा लखवो, तेमां एक भेलवी चोथा कोठामां लखवो । एम एक एक वधारतां जेटला उपरनी पंक्तिना कोठा होय तेटला भरवा. पछी नीचेनी त्रीजी पंक्तिनो पहेलो कोठो मुकी बीजा कोठामा बेनो अंक मुकवो । त्रीजामां त्रणनो अंक मुकवो. एम एक एक वधारी नीचेनी पंक्तिना कोठा भरवा । पछी मध्यनी पंक्तिना पहेला अंकने उपरनी पं
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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