________________
Shri MahaveeJain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir
॥श्री अनुयोगद्वार सूत्र।
नाणं पंचविहं पण्णतं, तंजहा आभिणिबोहियनाणं सुयनाणं ओहिनाणं मणपज्जवनाणं केवलनाणं । तत्थ चत्तारि नाणाई ठप्पाइं ठवणिज्जाई णो उद्दिसं (दिसिज्ज )ति णो समुद्दिसं (सिजति णो अणुण्णविजंति, सुयनाणस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ राजइ सुयनाणस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगोय पवत्तइ किं अंगपविट्ठस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ?, किं अंगबाहिरस्स उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुओगो य पवत्तइ?, अंगपविदुस्सवि उद्देसो जाव पवत्तइ, अणंगपविट्ठस्सवि उद्देसो जाव पवत्तइ?, इमं पुण पटवणं पडुच्च् अणंगपविट्ठस्स अणुओगो०३। जइ अणंगपविट्ठस्स अणुओगो किं कालियस्स अणुओगो? उक्कालियस्स अणुओगो?, कालियस्सवि अणुओगो उक्कालियस्सवि अणुयोगो, इमं पुण पटवणं पडुच्च् उक्कालियस्स अणुओगो ४ जइ उक्कालिअस्स अणुओगो किं आवस्सगस्स अणुओगो? आवस्सगवतिरित्तस्स अणुओगो?, आवस्सगस्सवि अणुओगो आवस्सगवतिरित्तस्सवि अणुओगो इमं पुण पट्ठवणं पडुच्च् आवस्सगस्स अणुओगो। ॥ श्री अनुयोगद्वारसूत्र॥
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal