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य, गिहिलिंगे तहेव य॥२॥ उको सोगाहणाए य, जहन्नमज्झिमाइ यो उड्ढं अहे य तिरियं च, समुईमि जलंमि ॥३॥ दस य|| नपुंसएसु, वीसं इत्थियासु यो पुरिसेसु य अट्ठसयं, समए णेगेण सिझई॥४॥ चत्तारि य गिहिलिंगे, अन्नलिंग दसेव यो सलिंगेण य अट्ठसयं, सभए णेगेण सिझई॥५॥ उदोसोगाहणाए 3, सिझंते जुगवं दुवे। चत्तारि जहनाए, जवमझठुत्तरं सयं॥६॥ चरुड्ढलोए य दुवे समुद्दे, तओ जले वीसमहे तहेवा सयं च अठुत्तर तिरियलोए, समए णेगेण 3 सिझई धुव॥७॥ कहिं पडिहया सिद्धा?, कहिं सिद्धा पइडिया?कहिं बुदिं चइत्ताणं?, कत्थ गंतूण सिझइ?॥८॥ अलोए पडिहया सिद्धा, लोयग्गे य पइट्ठिया। इहं बुदिं चइत्ताणं, तत्थ गंतूण सिझई॥१॥ बारसहिं जोयणेहिं, सव्वटुस्सुवरि भवे। ईसीपब्भारनामा 3, पुढवी छत्तसंठिया॥१४३०॥ पणयाल सयसहस्सा, जोअणाणं तु आयया। तावइयं चेव विच्छित्री, तिगुणो साहिय( तस्सेव) परिरओ॥१॥ अट्ठजोयणबाहला, सा मामि विया हिया। परिहायंती चरिमंते, मच्छीपत्ताउ तणुययरी॥२॥ अजुणसुवनगमई सा पुढवी निम्मला सहावेणीउत्ताणयछत्तयसंठिया य भणिया जिणवरेहिं॥३॥संखंककुंदसंकासा, पंडुरा निम्मला सुभा। सीआए जोअणे तत्तो, लोयंतो 3 वियाहिओ॥४॥जोअणस्स उ जो तत्थ, कोसो उवरिमो भवे। तस्स कोसस्स छन्भाए, सिद्धाणोगाहणा भवे॥५॥ तत्थ सिद्धा महाभागा, लोगग्गमि पटिया। भवप्पवंचउम्मुक्का, सिद्धिं वरगई गया॥६॥ उस्सेहो जस्स जो होइ, भवंमि चरममि उतिभागहीणा तत्तो य, सिद्धाणोगाहणा भवे॥७॥ एगत्तेण य साईया, अपज्जवसियाविया पुहुत्तेण अणाईया, अपज्जवसियाविय॥८॥ अरूविणो ॥ श्रीउत्तराध्ययनसूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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