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एत्तए, जं तत्थ थेरेहिं अविइण्णे नायविहिं एइ से सन्त। छेए वा परिहारे वा, नो से कप्पइ अप्पसुयस्स अप्पागमस्स |एगाणियस्स नायविहिं एत्तए, कप्पइ से जे तत्थ बहुस्सुए बझागमे तेण सद्धिं नायविहिं एत्तए, तत्थ से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते भिलिंगसूवे कप्पइ से चाउलोदणे पडिग्गाहेत्तए नो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिग्गाहेत्तए, तत्य पु० पु० भिगिंसूवे पच्छा० चाउ० कप्पड़ से मिलिं० पडि० नो से कप्पइ चाउ० पडि०, तत्थ से पुव्वागमणेणं दोवि पुव्वाउत्ताई कप्पड़ से दोवि पहिग्गाहेत्तए, तत्थ से पुव्वा० दोवि पच्छा० नो से क० दोवि पडि०, जे से तत्थ पुव वा० पुवाउत्ते से कप्पइ पडि० जे से तत्थ पुव्वा० पच्छा० नो से कप्पइ पडिग्गाहित्तए ७२११। आयरियउवझायस्स गणंसि पंच अइसेसा पं० २०-आयरियउवझाए अंतो उवस्मयस्स पाए निगिझिय २ पफोडेमाणे वा पमज्जेमाणे वा नाइकभइ, आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स उच्चारं वा पासवणं वा विगिंचमाणे वा विसोहेमाणे वा नाइक्कमइ, आयरियउवझाए पभू इच्छ। वेयावडियं करेज्जा इच्छ। नो करेजा, आयरियउवझाए अंतो उवस्मयस्स (उरए) एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नाइक्कमइ, आयरियउवझाए बाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नाइक्कमहो। गणावच्छे यस्स णं गणंसि दो अइसेसा पं० २० गणावच्छेइए अंतो उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नाइक्कमइ, गणावच्छेइए बाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमई २६१३) से गामंसि वा जाव संनिवेसंसि वा एगवंगडाए एगदुवाराए ॥ श्री व्यवहारसूत्रम् ॥
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पू. सागरजी म. संशोधित
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