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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुहुमवाउ० सुहुमनिगोदाण य पज्जत्तापजत्ताणं कयरे०?, गो०! सव्वत्थोवा सुहुमते३० अपजत्तया सुहुमपुढवी अपज० विसेसा० सुहुम्आउ० अपज० विसेसा० सुहुमवाउ० प्रज० विसेसा० सुहुमते३० अपज० संखेज० सुहमपुढवीपज्जतगा विसेसा० सुहुमआउ० पजत्तगा विसेसा० सुहुमवाउ० पज्जतगा विसेसा० सुहमनिगोदा अपज० असंखे० सुहुमनिगोदा पज्जतगा संखे० सुहुमवण० प्रज्ज० अणंतगुणा सुहुमअपज० विसेसा० सुहुमवण० प्रज्जतगा संखेज० सुहुमपज्जतगा विसेसा सुहुमा० विसेसाहिया ६०१ एएसिं णं भंते! बादराणं बादरपुढवीकाइयाणं बादरआउ० बादरतेउ० बादरवाउ० बादरवणस्सइ० पत्तेयसरीरबादरवण० बादरनिगोदाणं बादरतस० कयरे०?, गो०! सव्वत्थोवा बादरतसकाइया बादरते३० असंखे० पत्तेयसरीरबादरवणस्सइ० असंखे० बादरनिगोदा असंख० बादरपुढवी० असंखे० बादरआउ० असं० बादरवाउ० असंखे० बादरवणस्स० अणंत० बादरा विसेसाहिया, एएसिं णं भंते ! बादरपुढवीकाइयअपज्जतगाणं बादरआउ० बादरते३० बादरवाउ० बादरवणस्सइ० पत्तेयसरीरबादरवणस्सइ० बादरनिगोद० बादरतसकाइ० अपज्जत्तगाणं कयरे०?, गो०! सव्वत्थोवा बादरतसकाइया अपज्जत्तगा बादरते३० अपज० असंखे० पत्तेयसरीरबादरवणस्सइ० अपजत्तगा असंखे० बादरनिगोदा अपज० असंखे० बायरपुढवी अपज० असंखे० बादरआउ० अपज्ज० असंख० बादरवाउ० अपज्ज० असंखे० बादरवणस्सइ० अपज० अणंत० बादरअपज्जत्तगा विसेसाहिया, एएसिं णं भंते ! बायरपजत्तयाणं बादरपुढवीकाइयाणं प्रज्जत्तयाणं बायरआउ० प्रज्जत्तयाणं बायरते३० प्रज्जतयाणं बायरवाउ० प्रज्जतयाणं ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
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