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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | निविटुकाइयपरिहार० य , सेत्तं परिहारविसुद्धियचरित्तारिया, से किं तं सुहमसंपरायचरित्तारिया, २ दुविहा पं० २०संकिलिस्समाणसुहम० य विसुज्झमाणसुहुम० य, सेत्तं सुहमसंपरायचरित्तारिया, से किं तं अहक्खायचरित्तारिया?,२ दुविहा पं० तं०-छमत्थअहक्खायचरित्तारिया य केवलिअहक्खायचरित्तारिया य, सेत्तं अहक्खायचरित्तारिया, सेत्तं चरित्तारिया, सेत्तं अणिड्ढिपत्तारिया, सेत्तं कम्मभूमगा, सेत्तं गब्भवकंतिया, सेत्तं मणुस्सा ३७ से किं तं देवा ?, २ चउन्विहा पं०० - भवणसाणी वाणमंतरा जोइसिया वेमाणिया, से किं तं भवणवासी? २ दसविहा पं० ० - असुरकुमारा नाग० सुवन विजु० अग्गि० दीव० उदहि० दिसा० वाउ० थणियकुमारा, ते सभासओ दुविहा पं० त०-प्रज्जतगा य अपज्जतगा य, सेत्तं भवणवासी, से किं तं वाणमंतरा ? २ अढविहा पं० २०-किन्नरा किंपुरिसा महोरगा गंधव्या जक्खा रक्खसा भूया पिसाचा, ते समासओ दुविहा पं० २०-प्रज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य, सेत्तं वाणमन्तरा, से किं तं जोइसिया?, २ पंचविहा पं० त० चंदा सूरा गहा नक्खत्ता तारा, ते समासओ दुविहा पं० २०-प्रज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य, सेत्तं जोइसिया, से किं तं वेभाणिया?, २ दुविहा पं० २० - कप्योवगा य कप्पाईया य. से किं तं कप्पोवगा ?, २ बारसविहा पं० ०-सोहम्मा ईसाणा सणंकुमारा माहिंदा बंभलोया लंतया महासुक्का सहस्सारा आणया पाणआ आरणा अच्चुया, ते समासओ दुविहा पं० २०-प्रज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य, सेत्तं कप्पोवगा, से किं तं प्याईया?, २ दुविहा पं०० गेविज्जगा य अणुत्तरोववाइया य, से किं तं गेविज्जगा?, २ नवविहा पं० ० || श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ | ३१ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
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