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देवसूरतपागच्छसमाचारीसंरक्षक-सुविहितसिध्यांतपालक
बहुश्रुतोपासक - गीतार्थ- चारित्रचूडामणि- आगमोध्धारक पूज्यपाद आचार्यदेवेश श्री आनंदसागर सूरीश्वरजीमहाराजा संशोधित - संपादित ४५ आगमेषु
॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
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• आलेखन कार्य - प्रेरक
वाहकः •
प्रवचन प्रभावक पू. आ. श्री हेमचन्द्रसागरसूरिजी म.सा. शिष्यरत्न पू. गणिवर्य श्री पूर्णचन्द्रसागरजी म.सा.
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• आलेखन कार्य वाहक संस्था ●
पूज्यपाद सागरजी महाराजा संस्थापित जैनानंद पुस्तकालय - सुरत
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