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|| एगवि० गाय अहवा सत्तविहबंधगा य अहवि० गा छविहबंधए य एगविहबंधए य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठवि० छव्विहबंधए| य एगविहबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठवि० गा छव्विह० गा एगविहबंधए य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठवि० गा० छविह० गा० एगविह० गा एवं एते नव भंगा, अवसेसाणं एगिदियमणूसवजाणं तियभंगो जाव वेमाणियाणं, एगिंदियाणं सत्तविहबंधगा य अट्ठविह० गा, मणूसाणं पुच्छा, गो०! सव्वेवि ताव होज सत्तविहबंधगा अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अविहबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य छविहबंधए २० एवं छविहबंधएणवि समं दो भंगा, एवविहबंधएणवि, समं दो भंगा, अहवा सत्तविहबंधगा य अविहबंधऐ य छव्विहबंधए य चउभंगो, अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य एगविहबंधगे य चउभंगो, अहवा सत्तविहबंधगा य छव्विहबंधए य एगविहबंधए य चउभंगो अहवा सत्तविहबंधगा |य अविहबंधए य छव्वीहबंधए य एगविहबंधए य भंगा अट्ठ, एवं एते सत्तावीसं भंगा, एवं जहा णाणावरणिज तहा दसणावरणिजपि अंतराइयंपि, जीवे णं भंते! वेदणिज कम्मं वेदेमाणे कति कम्मपगडीतो बंधति?, गो०! सत्तविहबंधते वा अट्ठविहबंधते वा छव्विहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधए वा, एवं मणूसेवि, अवसेसा णारयादिया सत्तविह० गा अट्ठविह० गा, एवं जाव वेमाणितो, जीवा णं भंते! वेदणिज कम्म वेदेमाणा कति० बंधति?, गो०! सव्वेवि ताव होजा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य एगविहबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य अहवि० गा एगवि० गा छव्विहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
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पू. सागरजी म. संशोधित
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