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||गो०! जस्स णं जीवस्स आरंभिया० क० तस्स मायावत्तिया नियमा क० जस्स पुण मायावत्तिया क० तस्स आरंभिया सिय कज्जति सिय नो क० जस्स णं भंते! जीवस्स आरंभिया कि० तस्स अपच्चक्खाणकिरिया पुच्छा?, गो०! जस्स णं जीवस्स आरंभिया कि० तस्स अपच्चक्खाणकिरिया सिय कज्जति सिय नोक० जस्स पुण अपच्चक्खाणकिरिया कन्तस्स आरंभिया किरिया णियमा क०, एवं मिच्छादसणवत्तियाएवि समं, एवं परिग्गहियावि तीहिं उवरिल्लाहिं समं संचारेतव्वा, जस्स मायावत्तिया कि० तस्स उवरिल्लाओ दोवि सिय कजति सिय नो कजति जस्स उवरिलाओ दो कजति तस्स मायावत्तिया णियमा कजति, जस्स अपच्चक्खाण० क० तस्स मिच्छादसणवत्तिया सिय जति सिय नो कजति, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया तस्स अपच्चक्खाणकिरिया णियमा जति, नेरइयस्स आइल्लियातो चत्तारि परोप्परं नियमा कजंति, जस्स एताओ चत्तारि जति तस्स भिच्छादसणवत्तिया भइज्जति, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया कज्जति तस्स एतातो चत्तारि नियमा जति, एवं जाव थणियकुमारस्स, पुढवीकाइयस्स जाव चारिदियस्स पंचवि परोप्परं नियमा जति, पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स आतिलियातो तिण्णिवि प्रोप्परं नियमा कजति, जस्स एयाओ जति तस्स उवरिल्लिया दोणि भइज्जति जस्स उवरिल्लातो दोण्णि कज्जति तस्स एतातो तिण्णिवि णियमा जति, जस्स अपच्चक्खाणकिरिया तस्स मिच्छादसणवत्तिया सिय जति सिय नोक० जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया क० तस्सअपच्चक्खाणकिरिया नियमा क० मणूसस्स जहा जीवस्स, वाणभंतरजोइसियवेमाणियस्स || श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
पू. मागरजी म. संशोधित
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