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कट्ठाओ, छल्ली । अणंतजीवा 3 सा छल्ली, जे० ॥७८॥ जीसे सालाए कट्ठाओ, छल्ली । अणंतजीवा 3 सा छल्ली, जे० ॥७९॥|| जस्स मूलस्स कट्ठाओ, छल्ली तणुययरी भवे। परित्तजीवा 3 सा छल्ली, जे० ॥८०॥ जस्स कंदस्स कट्ठाओ, छल्ली तणुययरी भवे। परित्त०, जे० ॥८१॥ जस्स खंधस्स कट्टाओ, छल्ली० । परित्त० जे० ॥८२॥ जीसे सालाए कट्ठाओ, छल्ली० । परित्त०, जे० |॥४३॥ २४। चक्कागं भज्जमाणस्स, गंठी चुत्रधणो भव। पुढवीसरिसभेएण, अणंतजीवं वियाणाहि ॥८४॥ गूढसिरागं पत्तं सच्छी जं च होइ निच्छी। जंपिय पणट्ठसन्धि अणंतजीवं वियाणाहि ॥८५॥ पुण्फा जलया थ्लया य बिंटबद्धा य नालबद्धा या संखिजमसंखिज्जा बोद्धव्वाऽणंतजीवा य ॥८६॥ जे केइ नालियाबद्धा पुफा संखिजजीविया भणिया। निहुया अणंतजीवा जे यावन्ने तहाविहा ॥८७॥ पउमुप्पलिणीकंदे अंतरकंदे तहेव झिल्ली यो एए अणंतजीवा एगो जीवो बिसभुणाले ॥८८॥ पलंडू ल्हसुणकंदे य, कंदली य कुसुं(प्र० कंद) बए। ए५ परित्तजीवा. जे० ॥८९॥ पउमुप्पलनलिणाणं, सुभगसोगंधियाण यो अरविंदकुंकणाणं, सयवत्तसहस्सपत्ताणं ॥९०॥ बिंटे बाहिरपत्ता यकत्रिया चेव एगजीवस्सो अभितरगा पत्ता पत्तेयं केसरा मिंजा ॥९१॥ वेणुनल इक्खुवाडिय सभासइक्खू य इकडेरंडे। करकर सुंठि विहंगू तणाण तह पव्वगाणं च॥१२॥ अच्छि पव्वं बलिमोडओ य एगस्स होति जीवस्स। पत्तेयं पत्ताई पुष्फाइं अणेगजीवाई. ॥१३॥ पूसफलं कालिंगं तुंबं तउसेल एलवालुंक। घोसालय पंडोलं तिंदूयं चेव तेंदूसं॥१४॥ बिंटस(ट) सकडाहं एयाई हवंति एगजीवस्सो पत्तेयं पत्ताई सकेसरं केसरं मिंजा॥१५॥ ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥]
पू. सागरजी म. संशोधित
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