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उक्कोसियाए ओगाहणाए सव्वत्थोवा आहारगसरीरस्स उक्कोसिया ओगाहणा ओरालिय० उक्कोसिया ओगा० संखे० वेविय० उक्कोसिया ओगा० संखि० तेयाकम्मगाणं दोवि तुल्ला उक्को० ओगा० असं० जहण्णुकोसियाते ओगाहणाते सव्वत्थोवा ओरालिय० जहणिया ओगा० तेयाकमाणं दोण्हवि तुल्ला जहणिया ओगा० विसे० विउव्विय० जहणिया ओगा० असं० आहारगस्स जहणियाहिंतो ओगाहणाहितो तस्स चेव उक्कोसिया ओगा० विसे० ओरालिय० उक्कोसिया ओगा० संखे० वेउव्विया णं उक्कोसिया ओगा० संखि० तेयाकम्मगाणं दोण्हवि तुल्ला उक्कोसिया ओगाहणा असंखिजगुणा२७९। सरीरपयं २१॥ ___ कति णं भंते! किरियाओ पं०?, गो०! पंच किरियाओ पं० २०- काइया अहिगरणिया पादोसिया पारियावणिया पाणाइवायकिरिया, काइया णं भंते! किरिया कतिविह। पं०?, गो०! दुविहा पं० २० अणुवरयकाइया य दुप्पउत्तकाइया य, अहिगरणिया णं भंते! किरिया कइविह। पं०?. गो०! दुविहा पं० २०-संजोयणाहिकरणिया य निव्वत्तणाधिगरणिया य, पादोसिया णं भंते! किरिया कतिविहा पं०?, गो०! तिविहा पं० ०- जेणं अपणो वा परस्स वा तदुभयस्स वा असुभं मणं संपधारेति सेत्तं पादोसिया किरिया, पारियावणिया णं भंते! किरिया कतिविहा पं०?, गो०! २ तिविहा पं० २०- जेणं अपणो वा परस्स वा तदुभयस्स वा अस्सायं वेदणं उदीरति, सेत्तं पारियावणिया किरिया, पाणातिवायकिरिया णं भंते! कतिविहा पं०?, गो०! तिविहा पं० तं०- जेणं अभ्याणं वा परं वा तदुभ्यं वा जीवियाओ ववरोवेइ, से तं पाणाइवायकिरिया १२८० जीवा णं भंते! ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
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पू. सागरजी म. संशोधित
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