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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कण्हलेसा णं भंते! वनेणं केरिसिया पं०?, गो०से जहानामए जीभूतेइ वा अंजणेइ वा खंजणेइ वा कज्जलेइ वा गवलेइ वा गवलएइ वा जंबूफलेइ वा अद्दा रिद्वपुष्फेइ वा परपुढेइ वा भभरेइ वा भमरावलीइ वा गयकलभेइ वा किण्हकेसरेइ वा आगासथिग्लेइ वा किण्हासोएइ वा कण्हकणवीरएइ वा कण्हबंधुजीवएइ वा, भवे एतारूवे?, गो०! णो इणढे समढे, कण्हलेस्सा णं इत्तो अणियरिया चेव अक्तयरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुनतरिया चेव अमणामतरिया चेव वत्रेणं पं०, नीललेस्सा णं भंते! करिसिया वनेणं पं०?, गो०! से जहानामए भिंगएइ वा भिंगपत्तेइ वा चासेइ वा चासपिच्छएइ वा सुएइ वा सुयपिच्छेइ वा सामाइ वा वणराईइ वा उच्चंतएइ वा पारेक्यगीवाइ वा मोरगीवांइ वा हलहरवसणेइ वा अयसिकुसुमेइ वा वणकुसुमेइ वा अंजणकेसियाकुसुमेइ वा नीलुप्पलेइ वा नीलासोएइ वा नीलकणवीरेइ वा नीलबंधुजीवेइ वा, भवे एयारूवे?, गो०! णो इणढे समढे, एत्तो जाव अमणामयरिया चेव वत्रेणं पं०, काउ० णं भंते! केरिसिया कत्रेणं पं०?,गो०! से जहानामए खदिरसारेइ वा कइरसारेइ वा धमारसारेइ वा तंबेड् वा तंबकरोडेइ वा तंबच्छिवाडियाए वा वाइंगणिकुसुमेइ वा कोइलच्छदकुसुभेइ वा जवासाकुसुमेह वा, भवे एयारुवे०?, गो०! णो इणढे सभडे, काउलेसा णं एत्तो अणियरिया चेव जाव अमणाभयरिया चेव० तेउलेस्सा णं भंते! केरिसिया वनेणं पं०?, गो०! से जहानामए ससरुहिरेइ वा उरब्धहिरेइ वा वराहरुहिरेइ वा संबररुहिरेई वा मणुस्सरुहिरेइ वा भंदगोपेइ वा बालेंदगोपेइ वा बालदिवायरेइ वा संझारागेइ वा गुंजद्धरागेइ वा जातिहिंगुलेइ वा पवालंकुरेइ वा लक्खारसेइ ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ | २३२ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
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