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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir च अचरमाइं च १० सिय चरमे य अवत्तव्वए य सिय चरमे य अवत्तव्वयाई चसिय चरमाइं च अवत्तव्वए य सियं चरमाई च अवत्तव्वयाई च णो अचरमे य अवत्तव्वए य णो अचरमे य अवत्तव्वयाई च णो अचरमाई च अवत्तव्वए यणो अचरमाई च अवत्तव्वयाइंच सिय चरमे य अचरमेय अवत्तव्वए य सिय चरमे य अचरमेय अवतव्वयाइं च २० सिय चमे य अचरिमाई च अवत्तव्वए अणो चरिमे य अचरिमाइं च अवत्तव्बयाई च सिय चरमाई च् अचरमेय अवत्तव्वए यसिय चमाई च अचरमे य अवत्तव्वयाई च सिय चरमाइं च अचमाइं च अवत्तव्वर य सिय चरमाई च अचरमाइं च अवत्तव्वयाई च २६, अट्ठपएसिए णं भंते! खंधे पुच्छा, गो०! अपएसिए खंधे सिय चरमे नो अचमे सिय अवत्तव्वए नो चमाई नो अचमाई नो अवत्तव्वयाई सिय चरिमे य अचरिमे य सिय चरिमे य अचरिमाइं च सिय चरिमाइं च अचरिमे य सिय चमाई च अचरमाइं च १० सिय चरमे य अवत्तव्वए य सिय चरमे य अवत्तव्वयाई चसिय चरिमाइं च अवत्तव्वए य सिय चरिमाइं च अवत्तव्क्याइं च णो अचरिमे य अवत्तव्बए यणो अचरिमे य अवत्तव्वयाई च णो अचरिमाइं च अवत्तव्वए यणो अचरिमाइं च अवत्तव्वयाई च सिय चरिमे य अचरिमेय अवत्तव्वए य सिय चरिमे य अचरिमेय अवत्तव्वयाई च २० सिय चरिमे य अचरिमाइं च अवत्तव्वए असिय चरिमेय अचरिमाइंच अवत्तव्वयाइंच सिय चरिमाइंच अचरिमेय अवत्तव्वा असिय चरिमाइंच अचरिमेय अवत्तव्वयाई च सिय चरिमाइं च अचरिमाइं च अवत्तव्वए य सिय चरिमाइं च अचरिमाइं च अवतव्वयाई च २६, संखेजपएसिए० ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ | १५८ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
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