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________________ She Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsunl Gyanmandir सव्वेसिं एवं, पुढवीकाइयस्स णं भंते! केवतियं कालं अंतरं होति?, गो०! जह० अंतो० उक्को० वणप्फतिकालो, एवं आउतेउवाउकाइयाणं वणस्सइकालो, तसकाइयाणवि, वणस्सइकाइयस्स पुढवीकाइयकालो, एवं अपज्जतगाणवि वणस्सइकालो, वणस्सईणं पुढवीकालो, पजतगाणवि एवं चेव वणस्सइकालो, पज्जत्तवणस्सईणं पुढवीकालो १२२९। अप्याबहुयं सव्वत्थोवा तसकाइया तेउक्काइया असंखेजगुणा पुढवीकाइया विसेसाहिया आउकाइया विसे० वाउक्काइया विसे० वणस्सतिकाइया अणंतगुणा, एवं अपज्जतगावि पज्जत्तगावि, एतेसिं णं भंते! पुढवीकाइयाणं पज्जतगाण य अपजत्तगाण य कयरे०?, गो०! सव्वत्थोवा पुढवीकाइया अपज्जतगा पुढवीकाइया पज्जत्तगा संखेजगुणा, एतेसिंणं०, सव्वत्थोवा आउकाइया अपज्जत्तगा पज्जतगा संखेजगुणा जाव वणस्सतिकाइयावि, सव्वत्थोवा तसकाइया प्रज्जत्तगा तसकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, एएसिं णं भंते! पुढवीकाइयाणं जाव तसकाइयाणं पजत्तगाणं अपज्जत्तगाण य कयरे०?, सव्वत्थोवा तसकाइया पज्जत्तगा तसकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा तेउवाइया अपज्जत्ता असंखेजगुणा पुढविक्काइया आउकाइया वाउचाइया अपज्जत्ता विसेसाहिया तेउछाइया पज्जतगा संखेजगुणा पुढविआउवाउपजत्ता विसे० वणस्सतिकाइया अपज्जतगा अणंतगुणा तसकाइया अपज्जत्ता विसे० वणस्सतिकाइया पजत्तगा संखेजगुणा सकाइया पजत्तया विसे० ॥२३०॥ सुहमस्स णं भंते ! केवतियं कालं ठिती पं०?, गो०! जहन्त्रेणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणवि अंतोमुत्तं, एवं जाव सुहमणिओयस्स, एवं अपज्जत्तगाणवि पजत्तगाणवि जहण्णेणवि उक्कोसेणवि ॥ श्री जीवाजीवाभिगम् ॥ | २२४ पू. सागरजी म. संशोधित || For Private And Personal
SR No.021016
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages267
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size15 MB
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