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जहणणेणं अंगुलस्स असंखेजतिभागं उक्को० पंचजोयणसयाई, एवं कालोए उको० सत्त जोयणसताई सयंभूरमणे दस जोयणसताई| |॥१८९॥ केवतिया णं भंते! दीवसमुद्दा नामधेजेहिं पं०?, गो०! जावतिया लोगे सुभाणामा सुभा वण्णा जाव सुभा फासा एवतिया दीवसमुद्दा नामधेजेहिं पं०, केवतिया णं भंते! दीवसमुद्दा उद्धारसमएणं पं०?, गो०! जावतिया अड्ढाइजाणं सागरोवमाणं उद्धारसमया एवतिया दीवसमुद्दा उद्धारसमएणं पं०॥१९०॥ दीवसमुद्दा णं भंते! किं पुढवीपरिणामा आउपरिणामा जीवपरिणामा पुग्गलपरिणामा ?, गो०! पुढवीपरिणामावि आउ० जीव० पुग्गल०, दीवसमुद्देसु णं भंते! सव्वपाणा सव्वभूया सव्वजीवा सव्वसत्ता पुढवीकाइयत्ताए जाव तसकाइयत्ताए उववण्णपुव्वा?, हंता गो०! असति अदुवा अणंतखुत्तो ॥१९१॥ इति दीवसमुद्दा समत्ता।
कतिविहे णं भंते! इंदियविसए पोग्गलपरिणामे पं० ?, गो०! पंचविहे इंदियविसए पोग्गलपरिणामे पं० ०-सोतिंदियविसए| जाव फासिंदियविसए सोतेदियविसए णं भंते! पोग्गलपरिणामे कतिविहे पं०?, गो०! दुविहे पं० २०-सुब्भिसहपरिणामे य दुब्भिसहपरिणामे य, एवं चक्खिदियविसयादिएहिवि सुरूवपरिणामे य दुरूवपरिणामे य, एवं सुब्भिगंधपरिणामे य दुब्भिगंधपरिणामे य, एवं सुरसपरिणामे य दूरसपरिणामे य, एवं सुफासपरिणाम य दुफासपरिणामे य, से णूणं भंते! उच्चावएसु सहपरिणामेसु |उच्चावएसु रूवपरिणामेसु एवं गंधपरिणामेसु रसपरिणामेसु फासपरिणामेसु परिणममाणा पोग्गला परिणमंतीति वत्तव्वं सिया ?, हंता गो०! उच्चावएसु सहपरिणामेसु परिणममाणा पोग्गला परिणमंतित्ति वत्तव्वं सिया, से गूणं भंते! सुब्भिसहा पोग्गला ॥श्री जीवाजीवाभिगम्पा
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पू. सागरजी म. संशोधित
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