SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 186
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Arachana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsun Gyanmandir ||१७४। लवणसमुदं थायइसंडे नाम दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिते सव्वतो समंता संपरिक्खिवित्ताणं चिटुंति, थायतिसंडे गं|| भंते! दीवे किं समचक्कवालसंठिते विसमचकवालसंठिते?, गो० ! समचक्कवालसंठिते नो विसमचक्षवालसंठित, धायइसंडे णं भंते! दीवे केवतियं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पं०?, गो०! चत्तारि जोयणसतसहस्साई चकवालविक्खंभेणं एगयालीसं जोयणसतसहस्साई दसजोयणसहस्साई णवएगटे जोयणसते किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं पं०, से णं एगाए पउमवरवेदियाए एगेणं वणसंडेणं सव्वतो समंता संपरिक्खित्ते दोण्हवि वण्णओ दीवसमिया परिक्खेवेणं, धाइयसंडस्स णं भंते! दीवस्स कति दारा पं०?, गो०! चत्तारि दारा पं० २०-विजए वेजयंते जयंते अपराजिए कहिं णं भंते! धायइसंडस्स दीवस्स विजए णामं दारे पं० ?, गो०! धायइसंडपुरस्थिमपेरंते कालोयसमुद्दपुरस्थिमद्धस्स पच्चस्टिमेणं सीयाए महाणदीए उप्पिं एत्थ णं घायइसंडे विजए णामं दारे पं० तं चेव पमाणं, रायहाणीओ अण्णमि थायइसंडे दीवे, दीवस्स वत्तव्वया भाणियव्वा, एवं चत्तारिवि दारा भाणियव्वा, धायइसंडस्स णं भंते! दीवस्स दारस्स य २ एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पं०?, गो०! दस जोयणसयसहस्साई सत्तावीसं च जोयणसहस्साई सत्तपणतीसे जोयणसए तिनि य कोसे दारस्स य २ अबाहाए अंतरे पं०, धायइसंडस्स णं भंते! दीवस्स पदेसा कालोयगं समुई पुढा?, हंता पुट्टा ते णं भंते ! किं थायइसंडे दीवे कालोए समुद्दे ?, गो०! ते खलु धायइसंडे नो खलु ते कालोयसमुद्दे एवं कालोयस्सवि धायइसंडद्दीवे जीवा उद्दाइत्ता २ कालोए समुद्दे पच्चायंति?, गो०! अत्थेगतिया पच्चायति अत्थेगतिया नो पच्चायंति, एवं कालोएवि ॥ श्री जीवाजीवाभिगम् ॥ | १७६] पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021016
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages267
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy