SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 77
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyarmandir चान्द्रकुल प्रचंड प्रतिभा संपन्न, वादी विजेता परभोपास्य पू. मुनि श्री झवेरसागरजी म.सा. शिष्य बहुश्रुतोपासक, सैलाना नरेश प्रतिबोधक, देवसूर तपागच्छ, समाचारी संरक्षक, आगमोध्धारक पूज्यपाद आचार्यदेवेश् श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी महाराजा शिष्य प्रौढ प्रतापी-सिध्धचक्र आराधक समाज संस्थापक पूज्यपाद आचार्य श्री चन्द्रसागर सूरीश्वरजी म. सा. शिष्य चारित्र चूडामणी, हास्य विजेतामालवोध्धारक महोपाध्याय श्री धर्मसागरजी म.सा. शिष्य आगम विशारद, नमस्कार महामंत्र समाराधक पूज्यपाद |पंन्यास प्रवर श्री अभयसागरजी म. सा. शिष्य शासन प्रभावक, नीडर वक्ता पू. आ. श्री अशोकसागर सूरिजी म.सा. शिष्य परमात्म भक्ति रसभूत पू. आ. श्री जिनचन्द्रसागर सू.म.सा. लघुगुरुभ्राता प्रवचन प्रभावक पू.आ. श्री हेमचन्द्रसागर म.सा. शिष्य पू. गणी श्री पूर्णचन्द्रसागरजी म. सा. आ आगमिक सूत्र अंगेसं. २०५८/५९/६० वर्ष दरम्यान संपादन कार्य माटे महेनत की प्रकाशन |दिने पू. सागरजी म. संस्थापित प्रकाशन कार्यवाहक जैनानंद पुस्तकालय, सुरत द्वारा प्रकाशित करेल छे... | श्री प्रश्रव्याकरणदशाङ्गम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021012
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages79
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy