________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संस्कार, रियंवधूरिमार्ट समेतपश्यत॥ सौभाग्यमस्यैदखायाथास्वविपरेतन॥ इत्यनेनमंत्रणस्वपटि मास्कर // 323 // तेन॥अवसमाचारादबूंवरस्यवामभागेउपवेशयंति। अत्रावसरेवध्वाःसीमंतेवर सिंदूरंद दाति // ॐ घाममद्यसवित/ममुश्चोदिवेदिवेधाममुस्माय सावीळ // घामस्यूहिक्षय स्यदेवमूरैरयाधिया_ममा स्याम॥१॥दक्षिणत उहेक उपदधातितदेताःपुण्या लक्ष्मीदक्षिणोदध्म इतितस्माद्यस्यदक्षिणतोलक्ष्मभवति पुण्यलक्ष्मीकऽ इत्याचा सतऽ उत्तरतःस्त्रियाऽ उत्तरतु आयतनाहिस्त्रीतत्तृत्कृतमेवपुरस्तात्वेवैनाऽ उपदध्या | // 323 // या हैवशिरस्तुदेवहुन्तजिहाथैताः पुण्यालक्ष्मीर्मुरबोधत्तेतस्माद्यस्यमुखेलक्ष्म, For Private and Personal Use Only