________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संस्कार क्षायणाहिरण्यर्ट शतानीकायसमनस्याना // तन्म: आवनामित शारदायाय भास्कर माजरदष्टियथासम्॥ इतिमंचंवरः पठनि॥ ॥ततोद्विजाःपरित्वागिर्वणोगिर इत्य नुवाकेनजुषाणोऽ अप्तुराज्यस्यचेतुस्वाहेत्यंतेनवधूवरावविच्छिन्नचतुर्विंशतिनंतु | भिर्दिगुणीलतसूत्रेणययाचारंवेष्टयेयुः॥ अयंदेशाचारः॥ तच्चवधूद क्षणस्कंधमाराय उभयोः स्कंधेपंचवारंकदिप्रदेशेसप्तवारंवेष्टयेदिति॥ तत्रमंत्राः॥ ॐपरित्वागिणोगि रैमाभवन्तुविश्व // वृद्धासुमनुवृद्धयोजुष्ठाभवन्तुष्टय // 1 // इन्द्रस्य॒स्यूसीन्द्र // 35 // |स्यध्रुवोसि॥ऐन्द्रमसिधैश्वदेवमंसि॥२॥विभूरसिप्रवाहणो घन्हिरसि हव्यवाहनः॥ // For Private and Personal Use Only