________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir पस्कार यसवंगभूपात्रे मोजतेनपानचनकुर्यान्। नोबूलाक्षणंनकुर्यात्॥अभ्यंगमक्ष्णोरंजी " मास्कर // 21 // नमुपानच्छवादसँचवर्जयेत् ॥इति॥ यस्यैवमध्यवयसोश्यखारोवेदामयापठिता व्या:सौष्टाचत्वारिंशद्वर्षाणिवेदब्रह्मचर्यचरेदिति॥ ॥स्मृत्युक्तापंचाशसंरव्याका ब्राह्मणाम्भोजयिष्येइति॥ // अथाशीर्वादः॥ हरिः ॐ ब्रह्मचर्यमागामित्या ह // ब्रह्मण एचैतदात्माननिवेदयतिब्रह्मचार्यसानीत्याहब्रह्मणः एतदात्मान म्युरिददात्यथैनमाहकोनामासीतिप्रजापतिर्वैकः प्राजापत्यमेवैनन्तकबोपनयते / // 213 // | // 1 // अथास्यहस्तङ्गण्हाति // इन्द्रस्यब्रह्मचार्यस्युमिराचार्यस्तृवाहमाचार्यस्तुवा For Private and Personal Use Only