________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संस्कार निनःसमिधादायदंडसहितएयपश्चादमेरुपविश्य॥ नवप्रथमंनाघदक्षिणहस्सेनामे संधु भास्कर // 20 // क्षणं॥संधुक्षणं इंधनप्रक्षेपः॥यक्ष्यमाणमवैःपंचभिः॥ॐ अमेसुययःसुश्रवसमाकुरु॥१॥ ॐ यथा त्वममेसुश्रवःसवामसि // 2 // ॐ एवंमार सश्रयासोश्रवसंकुरु // 3 // ॐ यथात्वममे देवानांयज्ञस्यनिधिपाऽअसि॥४॥ॐ एवमहंमनुष्याणांवेदस्यनिधिपोभूयासम्॥५॥ इत्येतेः पंचभिर्मचैः पत्तिमंत्रमिंधनप्रक्षेपः // उमाश्यांसंधुक्षणप्रसिद्धिरस्ति॥ ततःप्रदक्षिणममिंजलेन पर्युक्ष्योतिष्टन्समिधआदधाति॥ॐ अमयेसमिधमहापंम्बृहतेजातवेदसे ॥अथात्वममेसमि // 20 // धासमिध्यस एवमहमायुषामेधयावर्चसाप्रजयापशुभिर्ब्रह्मवर्चसेनसमिन्धेजीयपुत्रोम | For Private and Personal Use Only