________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandie संस्कार | मझमयोऽ इमांस्वाहा॥ 2 // इदंसूर्यसावित्र्यैः॥ ॐ इहैवस्तुमाथिोष्ट विश्वमायुर्व्यश्भुती शास्कर // 15 // | क्रीलंतीपुर्नसृभिमोदमानौवेगृहेस्वाहा॥३॥इदंसूर्यसा०॥ॐ आनःप्रजांजनयतुप जापतिराजरसायसमनकर्यमाः॥अटुर्मंगली:पतिलोकमाविशंशन्नोभवदिपदेशचतुष्पदे स्वाहा // 4 // इदंसूर्यसावित्र्येन०॥ ॐ अघोरचक्षुरपतिभ्येधिशिवापशभ्यः समनाःसय चर्चाः॥वीरसूचकामास्योनाशन्नोभवद्विपदेशचतुष्पदेस्वाहा॥५॥इदंसूर्यसावित्र्यैन०॥ ॐ इमांलामिंद्रमिशः सुपुत्रांसमगांरुणु॥दशास्योपुत्रानाधेहिपतिमेकादशंरुधिस्वाहा॥६॥ // 15 // |इदंसूर्यसावित्र्येनमम॥ ततोव्यस्तसमनव्याहृतिभिरष्टाहुती खा॥ उमाश्यांस्पिष्टरुत्॥॥ For Private and Personal Use Only