________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandie | गवतीं आवाहयामि॥ संध्यारागनिभरक्त मासनंस्वर्णनिर्मित। गृहाणस मुरवीभू त्वारक्षबालंचसूतिका॥ ॐ तामऽआचहजातवेदोलक्ष्मीमलपगामि // यस्याहि रण्यम्बिन्देयामश्यम्पुरुषान्हं // ७भू. विघ्ने० // आसनंस०॥ गंगाजलंसमानीतंसु। वर्णकलशेस्थितं॥ पायंगहाणमेबालंसूतिकांचैवपालय॥ ॐ अश्वपूर्णारैथमध्याहस्तिनादप्रमोदिनी॥ श्रीयन्देवीमुपव्हयेश्रीमीदेवी षतां॥ॐ मू०वि० पायंस // अक्षतापु प्पगंधाट्यमार्थनिर्मलंजलं॥ शहाणपाहिमेपुत्रसूतिकांभयहारिणि॥ ॐ कांसोस्मि ताहिरण्यप्रकारामााज्वलन्तीन्तृप्तान्तर्पयन्तीं // पोस्थितांपुयपूर्णां नामिहोपहये For Private and Personal Use Only