________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandie | राहवेसां कालसर्परूपाधिप्रत्यधिदे भोरा इमंबलिं. अने राहुःप्री-॥ ॐ केतुंरुण्य भास्कर // 106 // // 9 // केतवेसा चित्रगुप्तब्रह्मरूपाधिपत्यधिदे भोके इमंबलिं. अने केतुःप्री०॥ // ततःक्रतुमा गुण्यदेवताफ्योबलिः ॥ॐगणानान्खा०॥१॥गणपतयेसा सशक्तिकायइ भोग ण इमय आयुः अनेन० ॥ॐअम्बेअंबिके॥२॥दुर्गायेसांसशक्तिका 'मोदुर्गेइ आ युःकी अनेनव०॥ ॐ आनोनि ॥३॥वायवेसां. उम. भोवायोइमंब० // ॐघृतं न०॥ 4 // आकाशायसा मोआकागइमं // ॐ वायांकशा०॥५॥अश्विभ्यांसाइ // 16 // मंस भोअश्विनी अनेनब०॥ ॐ वास्तोष्पते // 1 // वास्तोष्य. सा. इमंसभोवास्तो इ For Private and Personal Use Only