________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir वदूतीसुदा वृधः सरचा // काशचिष्ट्यावृता॥८॥ ॐ पू० राठिनापुरोद्भवपैठिनसगोत्र कृष्णवर्णभोराहो इ.॥ ततोवायव्यांदिशिध्वजाकारेषडंगुले मंडलेदक्षिणाभिमुरवंकेतुंधू मपुष्पाक्षतेःसह॥ ॐ केतुङ्कण्वन्नकेतपेशीमर्जा अपेशसै॥समुषद्भिरजायथाः // 9 // ॐ भू० अन्तर्वेदिसमुद्भवजैमिनसगोत्रधूम्रवर्णभोकेतो इ०॥ ॥त नोधिदेवतास्थापनंग्रहदक्षिणपार्थे // ॐ त्र्यम्बकन्यजामहेसगृधिम्पुष्ट्रियई नम् // उर्वारुकमिवबन्धनान्मृत्योर्मुक्षीयामृतात्॥१॥सूर्यदक्षिणपार्थ // ॐ भू० ईश्वरइहागञ्चइहतिष्ठईश्वरायनमः ईश्वरआवाहयामि॥ एवंसर्वत्र॥ ॐ श्रीश्चनेल For Private and Personal Use Only