________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir शिवोभव // 2 // उपज्मन्नुपवेतसेचतरनदीप्यो॥ अनैपिनमपामसमण्डूकितानिराग हिसेमन्नौय॒ज्ञम्पायुकवर्ग शिवधि॥३॥ अपामिदंन्ययन समुद्रस्यनिवेशनम्॥ अन्याँस्तै अस्मत्तपन्तुहेतयं पावको अस्मान्य शिवोभव॥४॥ अ#पावकरोचि षामन्द्रयादेवजिल्हयौ // आदेवान्वक्षियसिंच॥ 5 // सन पावकदीदियोमैदे॒वाँ 2 इहा वह // उपयज्ञई हरिश्चन // 6 // पावकयायश्चितयन्त्याल्पाक्षामन्चुरुच उष सोनप्पानुनी। पूर्वन्नयामन्नेतरीस्यनूरण आयोघृणेनतैतृषाणोऽ अजरः // 7 // नमस्ते हरसेशोचिपेनमस्ते अस्य॒र्चिषै। अन्याँस्तै अस्मत्तपंतुहेतयः पायकोड, For Private and Personal Use Only