________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shn Kailassagarsun Gyanmandie मैत्राउमाचपकवाईनी॥ आमेयादिक्रमेणेवशारवाः स्तं प्रतिष्ठिताः॥१॥ ॐ नंदि | न्यैनमःनंदिनींआवा०॥७॥ ॐ नलिन्यैन नलिनीआ०॥८॥ ॐ मैत्रायः मेवांआ, // 9 // ॐ उमाये. उमाआ० ॥१०॥पशुवर्धिन्ये पशुवर्धिनीआ०॥११॥मनोजूनिरि तिप्रतिष्ठाप्यसर्वासांतंत्रेणषोडशोपचारैः पूजनं॥ॐ मूवः स्वः नंदिन्यादिमंडप मानृश्योनम: आवाहनादिषोडशोपचारैः पूजयेत्॥अनयापूजयानंदिन्यादिमंड पमानरःपीयंतां॥ // ततोगीर्यादिमातरोवंशपापीतपटंप्रसार्यतदुपरिकुंकुमा ||दिनालिखित्वावाक्षतपुंजेषुपूगीफलेषुनिवेश्याः॥ // तत्रायंक्रमः॥गोरीपद्माश For Private and Personal Use Only