________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir इत्याशीर्वादः॥ ॥बनजपनियमतपःस्वाध्यायक्रतुदयादमदानविशिष्टानांसर्वेषों / / / ब्राह्मणानांमनःसमाधीयतां // इतियजमानः॥ समाहितमनसः स्मः॥ इतिद्विजाः॥ प्रसीदंतुभवंतः॥ इतियजमानोब्रूयात्॥ प्रसन्नाः स्मइतिद्विजावूयः॥तनोयजमानो ब्रूयात् // ॐ शांतिरस्तु // अस्चितिद्विजाः प्रतिवचनंसर्वत्रदद्युः॥ ॐ पुष्टिरस्तु॥ॐ तुष्टिरस्तु॥ॐ वृद्धिरस्तु॥ ॐ अपिनमस्तु॥ॐ आयुष्यमस्तु॥ॐ आरोग्यमस्तु॥ शिवकर्मास्तु॥ ॐ कर्मसमृद्धिरस्तु॥ॐवेदसमृद्धिरस्तु॥ ॐ शास्त्रसमृद्धिरस्तु॥ॐ धनधान्यसमृद्धिरस्त॥ ॐ पुत्रपौत्रसमृदिरस्तु॥ ॐ इष्टसंपदस्तु॥ॐ अरिपनिर, For Private and Personal Use Only