________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार विथपूरुषम्॥१॥स्योनापृथिवीतिसप्तमृदः॥ ॐ स्योनापृथिविनोमवान्तृक्षरानिव भास्कर // 42 // शनी॥यछान शर्मस॒प्रथाः॥१॥याः फलिनीरितिफलं॥ ॐ या फलिनीर्या) फला०॥१॥परिवाजपतिरितिपंचरत्नानि॥ ॐ परिवाजपतिः कविमिर्हध्यान्त्य कमीत्॥ दधनानिदाशुषै।॥१॥हिरण्यगर्मेनिहिरण्यं॥ ॐहिरण्यगर्भश्सम॥१॥ युवासुवासाइतिरक्तसूत्रेणवेष्टयेत्॥ॐ खुवासुवासाःपरि०॥पूर्णाद/तिपूर्णपात्रम् परिन्यसेत्॥ॐ पूर्णादेवि परांपतसुपूर्णापुनरापत॥ बस्नेवृचिकीणावहाऽ इषम् // 42 // र्य शतकतो॥१॥ तत्वायामीतिवरुणमावाय॥ॐ तत्सोयामिब्रह्मणाचन्दैमा For Private and Personal Use Only