________________
www.kobatirth.org.
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir
| अज्जो ! समणेहिं निग्गन्थेहिं दुवालसङ्ग गणिपिडगं अहिज्जमाणेहिं अन्नउत्थिया अट्ठेहि य जाव निष्पट्ठपसिणवागरणा करितए, तए णं
समणा निग्गन्था य निग्गंथीओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स तहत्ति एयमहं विणएणं पर्डिसुणन्ति, तए णं से कुण्डको लिए समणोवासए समणं भगवं महावीरं वन्दइ नमसइ त्ता परिणाई पुच्छइ त्ता अट्ठमादियइत्ता जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए, सामी बहिया जणवयविहारं विहर३ । ३७। तए णं तस्स कुण्डकोलियस्स समणोवासयस्स बहूहिं सील जाव भावेमाणस्स चोद्दस संवच्छराई वड़क्कन्ताई पणरसमस्स संवच्छरस्स अन्तरा वट्टमाणस्स अन्नया कथाई जहा कामदेवो तहा जेवपुत्तं ठवेत्ता तहा पोसहसालाए जाव धम्मपण्णतिं उवसम्पज्जित्ताणं विहरइ, एवं एक्कारस उवासगपडिमाओ तहेव जाव सोहम्मे कप्पे अरुणज्झए विमाणे जाव अन्तं काहिइ, निक्खेवो । ३८। कुण्डकोलियज्झयणं ६ ॥
सत्तमस्स उक्खेवो पोलासपुरे नामं नयरे सहस्सम्बवणे उज्जाणे जियसत्तू राया, तत्थ णं पोलासपुरे नयरे सद्दालपुत्ते नामं कुम्भकारे | आजीविओवासए परिवस आजीवियसमयंसि लद्धट्टे गहियट्ठे पुच्छियट्टे विणिच्छियट्ठे अभिगयट्ठे अट्ठिमिंजपेम्माणुरागरत्ते य अयमाउसो ! आजीवियसमए अट्ठे अयं परमठ्ठे सेसे अणद्वेत्ति आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तस्स णं सद्दालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स एक्का हिरण्णकोडी निहाणपत्ता एक्का वुड्ढिपुउत्ता एक्का पवित्रपउत्ता एक्के वए दसगोसाहस्सिएणं वएणं, तस्स णं सद्दालपुत्तस्स | आजीविओवासगस्स अग्गिमित्ता नामं भारिया होत्था, तस्स णं सद्दालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स पोलासपुरस्स नगरस्स बहिया पच्च पू. सागरजी म. संशोधित
॥ उपासक दशांगं सूत्रं ॥
३२
For Private And Personal