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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallashsagarsuri Gyanmandir उववजित्तए से णं भंते! किं पुव्वि उव्वजित्ता पच्छ। आहारेजा पुब्बिं आहारित्ता पच्छ। उववजेजा?, गोयमा! पुब्लिं वा उववजित्ता एवं जहा सत्तरसमसए छठुद्देसे जाव से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चए पुव्विं वा जाव उववजेजा नवरं तहिं संपाउणेज्जा इमेहिं आहारो भन्नति सेसं तं चेव, पुढवीकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्यभाए सक्करप्पभाए य पुढवीए अंतर समोहए ता जे भविए ईसाणे कथ्ये पुढवीकाइयत्ताए उववजित्तए०?, एवं चेव, एवं जाव ईसीपब्भाराए उववाएयव्यो, पुढवीकाइए णं भंते! सक्करप्पभाए वालुय्प्यभाए पुढवीए य अंतरा समोहते त्ता जे भविए सोहम्मे जाव ईसिपब्भाराए, एवं एतेण कमेणं जाव जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढवीए अंतरा समोहए समाणे जे भविए सोहम्मे जावईसिपब्माराए उववाएयव्यो, पुढवीकाइए णंभंते! सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदाणय कप्पाणं अंतरा समोहए ना जे भविए इभीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुनविाइयत्ताए उववजित्तए से भंते! पुट्विं उववजित्ता पच्छा आहारेज्जा सेसंत चेव जाव से तेणटेणं जाव णिक्खेवओ, पुढविक्काइए णं भते! मोहम्मीसाणाणं सणकुमारमाहिंदाण य कल्याणं अंतरा समोहए त्ता जे भविए सकरप्पभाए पुढवीए पुढवीकाण्यत्ताए उववजितए एवं चेव जाव अहेसत्तमाए उववाएयव्वो, एवं सणंकुमारमाहिंदाण बंभलोगस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए ना पुणरवि जाव आहेखतमाए उबवाएयव्यो, एवं बंभलोगस्सा लंतगस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं संतगस्स महासुझस्स कप्यस्स य अंतरा समोहए पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं महासुक्कसहस्सारस्स य कप्पस्स अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं सहस्सारस्स आणयपाणयकप्याण य अंतरा पुणरवि जाव ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021007
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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