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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir उग्गहे जाव धारणा उठाणे कम्भे बले वीरिए पुरिसकारपरक्कमे नेरइयत्ते असुरकुमारत्ते जाव वेमाणियत्ते नाणावरणिजे जाव अंतराइए|| कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा सम्भट्ठिी० चक्खुदंसणे० आभिणिबोहियणाणे जाव विभंगनाणे आहारसत्रा० ओरालियसरी२० भणजोगे० सतारोवओगे अणागारोवओगे जे यावन्ने तहप्यगारा सव्वे ते णण्णत्थ आयाए परिणमंति?, हंता गोयमा! पाणाइवाए जाव सव्वे ते णण्णत्थ आयाए परिणभंति ६६६। जीवे णं भंते! गब्भं वक्कममाणे कतिवन्ने एवं जहा बारसमसए जाव पंचमुद्देसे जाव कमओ णं जए णो अकम्मओ विभत्तिभावं परिणमति । सेवं भंते! २त्ति जाव विहरति ६६७॥ श० २०३० ३॥ रुइविहे गं भंते! इंदियउवचए पं०?, गोयमा! पंचविहे इंदियोवचए पं० २०-सोइंदियउवचए एगं बितिओ इंदियउद्देसओ निरवसेसो भाणियव्वो जहा पत्रवणाए । सेवं भंते! २त्ति भगवं गोयमे जाव विहरति ६६८॥श० २० ३० ४॥ ___परमाणुपोग्गले णं भंते! कतिवन्ने कतिगंधे कतिरसे कतिफासे ६०?, गोयमा एगवन्ने एगगंधे एगएसे दुफासे, जइ एगवन्ने सिय कालए सिय नीलए सिय लोहिए सिय हालिद्धे सिय सुकिल्ले, जइ एगगंधे सिय सुब्मिगंधे सिय दुब्भिगंधे, जइ एगरसे सिय तित्ते सिय कडुए सिय कडुए सिय कसाए सिय अंबिले सिय महरे, जइ दुफासे सिय सीए य निद्धे य सिय सीए य लुक्खे य सिय उसिणे य निद्धे य सिय उसिणे य लुक्खे य, दुपएसिए णं भंते! खंधे कतिवत्रे०?, एवं जहा अट्ठारसमसए छट्ठद्देसए जाव सिय चउफासे, जइ एगवन्ने सिय कालए जाव सिय सुकिल्लए जइ दुवन्ने सिय कालए नीलए य सिय लोहिए य सिय कालए य हालिद्दए य सिय कालए य सुकिल्लए ॥श्रीभगवती सूत्र॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021007
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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