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| वेमाणिए, सिद्धा ण चेव पुच्छिजंति, जीवा णं भंते! कालवन्त्रपजवेहिं ०? पुच्छा, गोयमा ! जीवपए से पडुच्च ओषादेमेणवि | विहाणादेसेणवि णो कडजुम्मा जाव णो कलिओगा सरीरपएसे पडुच्च ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्भावि जाव कलि०, एवं जाव वेमा०, एवं नीलवत्रपज्जवेहिं दंडओ भा० एगत्तपुहुत्तेणं, एवं जाव लुक्खफासपज्जवेहिं, जीवे गं भंते! आभिणिबोहियणाणपज्जवेहिं किं कड० ? पुच्छा, गोयमा ! सिय कड०, जाव सिय कलियोगे, एवं एमिंदिवबमं माव वेमाणिए, जीवा णं भंते! आभिणिबोहियणाणपज्जवेहिं० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्भावि जाव कलियोगावि, एवं एगिंदियवज्जं जाव वेमाणिया, एवं सुयणाणपज्जवेहिवि, ओहिणाणमज्जबेहिवि एवं मेव, नवरं विकलिंदियाणं नत्थि ओहिनाणं, मणपज्जवनाणंपि एवं चेव, नवरं जीवाणं मणुस्साण य, सेसाणं नत्थि, जीबे गं मंते ! केवलमाणप० किं कडजुम्मा० पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे णो तेयोगे णो दावरजुम्मे णो कलियोगे, एवं मणुस्सेऽवि, एवं सिद्धेऽवि, जीना गं भंते! केवलनाण० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणवि विहाणादे० कडजुम्मा नो तेओ० नो दावर० णो कलियो०, एवं मणुस्वाधि, एवं सिद्धावि, जीवे णं भंते! मइअन्नाणपज्जवेहिं किं कडजुम्मे०?, जहा आभिणिबोहियणाणपज्जवेहिं तहेव दो दंडगा, एवं सुबनागपजमेडिषि, एवं विभंगनाणपज्जवेहिवि, चक्खुदंसणअचक्खुदंसणओहिदंसणपज्जवेहिवि एवं चेव, नवरं जस्स जं अस्थि मं पाणिमन्यं, केवलदंसणपज्जवेहिं जहा केवलनाणपज्जवेहिं (७३८ । कति णं भंते! सरीरगा पं०?, गोयमा ! पंच सरीरगा पं० मं०-ओरालिए जाब पू. सागरजी म. संशोधित
॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
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