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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir कालस्स, एवं पडिरूवस्सवि, पुत्रभहस्सणं भंते! जखिदस्स पुच्छ।, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० ०-पुत्रा बहुपुत्तिया उत्तमा|| तारया, तत्थणं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं माणिभहस्सवि, भीमस्सणं भंते! रक्खसिंदस्स पुच्छा, अज्जो! चत्तारि अगमहिसीओ ५००- एउमा पउमावती कणगारयणप्यभा, तत्थ णं एगमगाए सेसं जहा कालस्स, एवं महाभीमस्सवि, किनरस्सणं भंते! पुच्छ।, अज्जो! चत्तारि अगमहिसीओ पं० २०-वडेंसा केतुमती रतिसेणा रइप्पिया, तत्थ णं सेसं तं चेव, एवं किंपुरिसस्सवि, सप्पुरिसस्सणं पुच्छा, अजो! चत्तारि अगमहिसीओ पं० २०-रोहिणी नवमिया हिरी पुष्पवती, तत्थ णं एगमेगा० सेसं तं चेव, एवं महापुरिसस्सवि, अतिकायस्सणंपुच्छा, अजो चत्तारि अगमहिसीओ पं० २०-भुयंगा भुयंगवती महाकच्छा फुडा, तत्थ णं सेसं तं चेव,एवं महाकायस्सवि, गीयरइस्स णं भंते! पुच्छा, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० २०-सुघोसा विमला सुस्सरा सरस्सई, तत्थ णं० सेसं तं चेव, एवं गीयजसस्सवि, सेव्वेसिंएएसिंजहा कालस्स, नवरं सरिसनामियाओ रायहाणीओ सीहासणाणिय, सेसंतं चेव, चंदस्स भंते! जोइसिंदस्स जोइसरत्रो पुच्छा, अजो! चत्तारि अगमहिसीओ पं० २०-चंदप्यमा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, एवं जहा जीवाभिगमे जोइसियउद्देसए तहेव, सूरस्सवि सूरप्पमा आयवाभा अच्चिमाली पभंकरा, सेसं तं चेव जाव नो चेव णं मेहुणवत्तियं, इंगालस्स णं भंते! महग्गहस्स कति अग्ग० पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अगमहिसीओ पं० २०-विजया वेजयंती जयंती अपराजिया, तत्थ णं एगभगाए देवीए सेसं तं चेव जहा चंदस्स, नवरं इंगालवडेंसए विमाणे इंगालगंसि सीहासणंसि सेसं तं चेव, एवं जाव वियालगस्सवि, एवं | ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021006
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 02 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages283
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size17 MB
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