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|| देवाणं सासए नामधेजे पं० जंन कयाइ नासी जाव अन्ने चयंति अन्ने उववजति, एवं भूयाणंदस्सविएवं जाव महाघोसस्स, अत्थिणं| भंते ! सक्कस्स देविंदस्स देवरत्रो पुच्छ।, हंता अस्थि से केणद्वेणं जाव तायत्तीसगा देवा २?, एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं० इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे पालास नामं संनिवेसे होत्था वनओ, तत्थ णं पालासए सत्रिवेसे वायत्तीसं सहाया ाहावई समणोवासया जहा चमरस्स जाव विहरंति, तएणतायत्तीसंसहया गाहावई समणोवासगा पुष्विपि पच्छावि उग्गा उग्गविहारी संविग्गा संविग्गविहारी बहूई वासाई समणोवासगपपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेइ त्ता सटिठ भत्ताई अळसाए छेदेति त्ता आलोइयपडिकंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा जाव उववन्ना, जप्पभिई च णं भंते ! पालासगा पायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासगा सेसं जहा चमरस्स जाव उववजति, अस्थि णं भंते ! ईसाणस्स एवं जहा सक्कस्स नवरं चंपाए नयरीए जाव उववन्ना, जप्पभिइंच भंते ! चंपिज्जा तायत्तीसंसहाया सेसंतं चेव जाव अन्ने उववजति, अस्थि णं भंते ! सणंकुमारस्स देविंदस्स देवरत्रो पुच्छा, हंता अस्थि, सेकेणद्वेणं० जहा धरणस्स तहेव, एवंजाव पाणस्स, एवं अच्चुयस्स जाव अन्ने उववजतिसेवं भंते ! सेवं भंते ! । ४०३॥श० १०, ३० ४॥
तेणं कालेणं० रायगिहे नाभं नगरे गुणसिलए चेइए जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अंतेवासी थे। भगवंतो जाइसंपन्ना जहा अट्ठमे सए सत्समुद्देसए जाव विहरंति, ताणते थे। भगवंतो जायसड्ढा जाव संसया जहा ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
| पू. सागरजी म. संशोधित
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