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अणपनियदेवत्तणपि नो लभिस्सामित्तिकट्ट से णं तस्स मस्स अणालोइयपडिकते कालं करेइ नत्थि तस्स आराहणा, से णं तस्स/ ठाणस्स आलोइयपडिकंते कालं करेइ अस्थि तस्स आराणा ! सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति ३९९॥श१०,३०२॥
रायगिहे जाव एवं क्यासी आइड्ढीए णं भंते! देवे जाव चत्तारि पंच देवावासंतराई वीतिकंते तेण परं परिड्ढीए ?, हंता गोयमा! आइड्ढीए णंतं चेव, एवं असुरकुमारेऽवि तित्रि आलावगा भाणियव्वा, नवरं असुरकुमारावासंतराई सेसंतं चेव, एवं एएणं कमेणं जाव थणियकुमारे,एवं वाणमंतरे जोइसवेमाणिया जाव तेण परं परिड्डीए, अप्पड्ढीए णं भंते ! देवे महड्डियस्स देवस्समझूमझेणं वीइवइज्जा?, तिणद्वे सभडे, समिड्ढीए णं भंते ! देवे सभड्ढीयस्स देवस्स मझंभझेणं वीइवएज्जा ?, णो तिणढे समढे, पमत्तं पुण वीइवएज्जा, से णं भंते! किं विमोहित्ता पभू अविभोहित्ता पभू?, गोयमा ! विमोहेत्ता पभू नो अविमोहेत्ता पभू, से भंते ! किं पुव्विं विभाहेत्ता पच्छ। विइवएज्जा पब्बिं वीइवएत्ता पच्छा विमोहेज्जा ?, गोयमा! पुब्बि विमोहेत्ता पच्छ। वीइवएज्जा णो पुब्दि वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा, महिड्ढीए णं भंते! देवे अपड्ढियस्स देवस्समझमझेणं वीइवएज्जा?, हंता वीइवएज्जा, सेणं भंते! किं विभोहित्ता पभू अविभोत्तापभू?, गोयमा! विभोहेत्ताविपभू अविभोहेत्ताविपभू, से भंते! किं पुब्विं विभोहेत्ता पच्छा वीइवइज्जा पुचि विभोहेत्ता पच्छ। वीइवइजा पुब्दि वीइवइत्ता पच्छ। विमोहेजा?, गोयमा! पुब्विं वा विमोहेत्ता पच्छ। वीइवरजा पुट्विं वा वीइवएत्ता पच्छ। विभोहेज्जा,अप्पिड्ढिए गंभंते! असुरकुमारे महड्ढीयस्स असुरकुमारस्समझूमझेणं वीइवएजा?, णो इणढे समढे,एवं असुरकुमारेऽवि | ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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