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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तित्रि रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए होजा एवं जाव अहवा तिन्निरयणप्यभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सक्करप्यभाए तिन्नि|| वालुयप्पभाए होजा एवं जहेव रयणप्यभाए उवरिमाहिं समं चारियंतहा सक्करप्यभाएऽवि उवरिमाहिं समं चारेयध्वं एवं एकेकाए समं चारियध्वं जाव अहवा तिन्नि तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा, अहवा एगे रयणप्यभाए एगे सकरप्यभाए दो वालुययभाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकर० दो पंक० होजा एवं जाव एगे रयणप्यभाए एगे सकर दो अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण दो सक्कर० एगे वालुयप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयण दो सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण० एगे सकर० एगे| वालुयप्पभाए होजा एवं जाव अहवा दो रयण० एगे सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण० एगे वालुय० दो पंकय्यभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्यभाए एगे वालुय० दो अहेसत्तमाए होजा एवं एएणं गमएणं जहा तिण्हं तियजोगो तहा भाणियव्यो जाव अहवा दो धूमप्यभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा, अहवा एगे रयणप्यभाए एगे सक्करप्यभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा अहवाएगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे धूमप्यभार होजा अहवाएगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्यभाए एगे वालुयथ्यमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूमप्यमाए होजा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंकप्यभा० एगे तमाए होजा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे |पंक० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्यभाए एगे सक्कर० एगे धूम० एगे तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे सक्कर० एगे | ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021006
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 02 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages283
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size17 MB
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