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|२?, गोयमा! एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालयस्स पोग्गलस्स भावओ तुल्ले एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालगवइरित्तस्स पोग्गलस्स भावओ णोतुल्ले, एवं जाव दसगुणकालए, एवं तुलसंखेजगुणकालए पोग्गले, एवं तुल्लअसंखेनगुणकालएऽवि, एवं तुल्लअणंतगुणकालएऽवि, जहा कालए एवं नीलए लोहियए हालिद्दे सुकिल्लए, एवं सुब्भिगंधे, एवं दुब्भिगंधे, एवं तित्ते जाव महरे, एवं कक्खडे जाव लुक्खे, उदइए भावे उदइयस्स भावस्स भावओ तुल्ले उदइए भावे उदइयभाववइरित्तस्स भावस्स भावओ नोतुल्ले, एवं उवसममिए० खइए० खओवसमिए० पारिणामिए संनिवाइए भावे संनिवाइयस्स भावस्स०, से तेणद्वेणं गोयमा! एवं वुच्चइ भावतुलए २, से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ 'संठाणतुलए २?, गोयमा! परिमंडले संठाणे परिमंडलस्स संठाणस्स संठाओ तुल्ले परिमंडलसंठाणवइरित्तस्स संठाणओ नोतुल्ले, एवं वट्टे० तंसे० च्रंसे० आय१०, समचरंससंठाणे सभचउरंसस्स संठाणस्स संठाणओ तुल्ले सभचउरंसे संठाणे समचउरंससंठाणवइरित्तस्स संठाणस्स संठाणओ नोतुल्ले, एवं जाव हुंडे, से तेण० जाव संठाणतुल्लए २ १५२२|| भत्तपच्चक्खायए णं भंते! अणगारे मुच्छिए जाव अझोववने आहारमाहारेति अहे णं वीससाए कालं करेति तओ पच्छ। अमुच्छिए अगिद्धे जाव अणझोववने आहारमाहरेति?, हंता गोयमा! भत्तपच्चक्खायए णं अणगारे चेव, सेकेण्डेणं भंते! एवं वु०-भत्तपच्चक्खायए णं तं चेव?, गोयमा! भत्तपच्चक्खायए णं अणगारे जाव अझोववन्ने भवइ अहे णं वीससाए कालं करेइ तओ पच्छ। अमुच्छिए जाव आहारे से तेणद्वेणं गोयमा! जाव आहारमाहारेति ५२३) अस्थि णं भंते! लवसत्तमा देवा २?,हंता अस्थि, सेकेणद्वेणं भंते! एवं ॥ श्रीभगवती सूत्र ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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