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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir असंखेजेहिं भाणियव्यं पच्छिल्लएसु अणंता भाणियव्वा, जाव अद्धसमयोनि, जाव केवतिएहिं अखासमएहिं पुढे ?, नत्थि एणवि,|| जत्थ णं भंते ! एगे धम्भत्थिकायएएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकायथ्यएसा ओगाढा?, नत्थि एकोऽवि, के वतिया अहम्भत्थिकायप्पासा ओगाढा?, एक्को, केवतिया आगासत्थिकाय०?, एको, केवतिया जीवस्थि०?, अणंता, केवतिया पुग्गलत्थि०?, अणंता, केवतिया अद्धासमया०?, सिय ओगाढा सिय नो ओगाढा जइ ओगाढा अणंता, जत्थ णं भंते ! एगे अहम्मस्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थि०?, एक्को, केवतिया अहम्मत्थि०?, नत्थि एक्कोऽवि सेसं जहा धम्मस्थिकायस्स, जत्थ णं भंते ! एगे आगासस्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकाय०?, सिय ओगाढा सिय नो ओगाढा, जइ ओगाढा एक्को, एवं अहम्मत्थिकायपएसावि, केवइया आगासस्थिकाय०?, नस्थि एक्कोऽवि, केवतिया जीवत्थि०?, सिय ओगाढा सिय नो ओगाढा जइ ओगाढा अणंता, एवं जाव अद्धासमया, जत्थ णं भंते ! एगे जीवत्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्यि?, एक्को, एवं अहम्मत्थिकाय० एवं आगासस्थिकायपएसावि, केवतिया जीवस्थि०?, अणंता सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, जत्थ णं भंते ! एगे पोग्गलस्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धभत्थिकाय०?, एवं जहा जीवत्थिकायपएसे तहेव निरवसेस, जत्थ णं भंते ! दो पोग्गलत्थिकायपदेसा ओगाढा तत्थ के वतिया धम्मत्थिकाय?, सिय एको सिय दोनि, एवं अहमत्थिकायस्सवि, एवं आगासथिकायस्सवि, सेसंजह धम्मत्थिकायस्स, जत्थ्णं भंते ! तिन्नि पोग्गलत्थि० तत्थ केवइयां धम्मस्थिकाय?, सिय एक्को सिय ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥ ५. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021006
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 02 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages283
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size17 MB
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