________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobetirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
|एको वा दो वा तिनि वा उक्कोसेणं संखेजा भवसिद्धीया उव्वद्वृति एवं जाव सुयअन्नाणी विभंगनाणी ण उव्वद्धृति, चक्खुदंसणी ण उव्वदृति, जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिनि वा उक्कोसेणं संखेजा अचक्खुदंसणी उव्वदृति, एवं जाव लोभकसायी, सोइंदियउवउत्तान उव्वदृति एवं जाव फासिंदियोवउत्ता न उव्वटुंति, जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा नोइंदियोवउत्ता उव्वदृति, मणजोगी न उव्व एवं वइजोगीवि, जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा कायजोगी उव्वति, एवं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता, इभीसे णं भंते! रयणप्यभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवित्थडेसु नरएसु केवइया नेरइया पं० केवइया काउलेस्सा जाव केवतिया अणागारोवउत्ता पं० केवतिया अणंतरोववनगा पं० केवइया परंपरोववण्णगा पं० केवइया अणंतरोगाढा पं० केवइया परंपरोगाढा ५० केवड्या अणंतराहारा ५० केवतिया परंपराहारा पं० केवतिया अणंतरपजता पं० केवतिया० परंपरपजत्ता ५० केवतिया चरिमा पं० केवतिया अचरिमा ५०?, गोयमा! इभीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवित्थडेसु नरएसु संखेजा नेरतिया पं० संखेजा काउलेसा पं० एवं जाव संखेजा सन्नी पं० असन्नी सिय अस्थि सिय नत्थि जइ अस्थि जहन्नेणं एको वा दो वा तिनि वा उकोसेणं संखेजा पं०, संखेजा भवसिद्धीया पं० एवं जाव संखेजा परिग्गहसन्नोवउत्ता पं० इथिवेदगा नत्थि पुरिसवेदगा नत्थि संखेज्जा नपुंसगवेदगा पं०, एवं कोहकसाथीवि, मानकसाई जहा असन्नी एवं जाव लोभक०, संखेजा सोइंदियोवउत्ता पं० एवं जाव फासिंदियोवउत्ता, नोइंदियोवत्ता जहा असन्नी, संखेजा मणजोगी पं० एवं जावअणागारोवउत्ता, | ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
| पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal Use Only