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जाव पच्चप्पिणंति, तए णंसा मियावतीदेवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं बहाया कयबलिकममा जाव सरीरा बहुहिं खुजाहिं जाव अंतेउराओ निग्गच्छति त्ता बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणण्यरेतेणेव ३० त्ता जाव दुरूढा, तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं धम्मियं जाणण्यवरं दुरूढा समाणी नियगपरियाल जहा उसभदत्तो जाव धम्भियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ, तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं बहूहिं खुजाहिं जहा देवाणंदा जाव वं० नम० त्ता उदायणं रायं पुरओ कटु ठितिया चेव जाव पज्जुवासइ, तए णं समणे भगवं महा० उदायणस्स रनो मियावईए देवीए जयंतीए समणोवासियाए तीसे यमहतिमहा जाव यम्म० परिसा पडिगया उदायणे पडिगए मियावती देवीविपडिगया। ४४१तएणंसा जयंती समणोवासिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म हतुद्वा समणं भ० महावीरं वं० न० त्ता एवं क्यासी कहिन भंते ! जीवा गरुयतं हव्वमागच्छन्ति?, जयंती ! पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु जीवा गरुयत्तं हव्व० एवं जहा पढमसए जाव वीयीवयंति, भवसिद्धियत्तं णं भंते ! जीवाणं किं सभावओ परिणामओ?, जयंती ! सभावओ नो परिणामओ, सब्वेवि भवसिद्धिया जीवा सिझिस्संति, जइ भंते! सव्वे भवसिद्धिया जीवा सिन्झिस्संति तम्हा णं भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ?, णो तिणढे "पढे, सेकेणद्वेणं खाइए णं भंते! एवं वुच्चइ सव्वेऽविणं भवसिद्धिया जीवासिन्झिस्संति नो चेवणं भवसिद्धियविरहिए लोए भवित जयंती! से जहानामए सव्वागाससेढी सिया अणादीया अणवदग्गा परित्ता परिवुडा, साणं परमाणुपोग्गलमेत्तेहिं खंडेहि समय २॥ ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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