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गोयमा जं से माया नाणाविहाओ रसविगईओ आहारमाहारेइ तदेकदेसेणं ओयमाहारेइ, जीवस्सणं भंते ! गभगयस्स समाणस्स अस्थि|| उच्चारेइ वा पासवणेइ वा खेलेइ वा सिंधाणेइ वा वंतेइ वा पित्तेइ वा ?, जो इणढे सभट्टे, से केण्टेणं?, गोयमा ! जीवे णं गभगए। सभाणे जमाहारेइ तं चिणाई तं सोइंदियत्ताए जाव फासिंदियत्ताए अहिअद्विमिंजकेसमंसुरोमनहत्ताए०, से तेण्डेणं०, जीवेणं भंते ! गभगए समाणे पभू मुहेणं कावलियं आहारं आहारित्तए ?, गोयमा ! णो इणडे समटे, से केणष्टेणं०?, गोयमा! जीवे णं गमगए समाणे सव्वओआहारेइ सबओ परिणामेइ सवओ उस्ससइ सवओ निस्ससइ अभिक्षणं आहारेइ अभिक्खणं परिणामेइ अभिक्खणं उस्ससइ अभिक्षणं निस्ससइ आहच्च् आहारेइ आहच्च परिणामेइ आहच्च उस्ससइ आहच्च नीस्ससइ, माउजीवरसहरणी युत्तजीवरसहरणी, माउजीवपडिबद्धा पुत्तजीवं फुडा तम्हा आहारेइ तम्हा परिणामेड़, अवरावि यण पुत्तजीवपडिबद्धा भाउजीवकुडा तम्हा चिणाइ तम्हा उवचिणाइ से तेणटेणं० जाव नो पभू मुहेणं कावलियं आहारं आहारित्तए, कइ णं भंते! माइअंगा पं०?, गोयमा! तओ भाइयंगा पं०० - मंसे सोणिए मत्थुलुंगे, कइ णं भंते ! पिइयंगा पं०?, गोयमा ! तओ पिझ्यंगा ५०० - अहि अद्विमिंजा केसमंसुरोमनहे, अमापिइए णं भंते ! सरीरए केवइयं कालं संचिटुइ ?, गोयमा ! जावइयं से कालं भवधारणिजे सरीरए अव्यावन्ने भवइ एवतियं कालं संचिट्ठइ, अहे णं समए समए वोक्कसिनमाणे २ चरमकालसमयंसि वोच्छिन्ने भवइ ।६२ जीवे णं भंते ! गभगए समाणे नेइएसु उववजेजा?, गोयमा ! अत्थेगइए उववज्जेज्जा अत्थेगडए नो उववजेजा, सेकेणोणं ?, गोयमा ! से णं सन्नी || श्रीगवती सूत्रं ॥ ।
| पृ. सागरजी म. संशोषित
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